बिहार कि बेटी भावना देश की पहली महिला फाइटर पायलट में शामिल
भारत को पहली महिला फाइटर पायलट मिल गई है, इसमें अपने बिहार के बेटी भावना कांत भी शामिल है। भावना के अलावा मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी भी पहली महिला फाइटर पायलट बनी है। भावना ने एमएस कॉलेज बेंगलुरु से बीई इलेक्ट्रिल की पढ़ाई की है। मोहना सिंह राजस्थान के झुंझुनूं जिले की है। मोहना सिंह ने दिल्ली के एयरफोर्स स्कूल से पढ़ाई की है। मोहना सिंह के पिता भी भारतीय वायुसेना में हैं। अवनी चतुर्वेदी मूल रूप से मध्यप्रदेश के रीवा की रहने वाली हैं। उनके पिता एग्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं। अवनी चतुर्वेदी ने राजस्थान के टॉक जिले में वनस्थली विद्यापीठ से कंप्यूटर साइंस की डिग्री हासिल की है।
भावना कांत बिहार के दरभंगा ज़िले के घनश्यामपुर प्रखंड के बाऊर गांव की निवासी है। भावना बेहद साधारण परिवार से निकल कर आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंची हैं। उनके दादा एक इलेक्ट्रिशियन, तो पिता मैकेनिक रहे हैं। भावना ने डीएवी स्कूल, बरौनी रिफ़ाइनरी, बेगूसराय से दसवीं तक की पढ़ाई की है।
यह पहला मौका होगा, जब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान की कॉकपिट में कोई महिला बैठेगी। इंडियन एयरफोर्स में फिलहाल 94 महिला पायलट हैं, लेकिन ये पायलट सुखोई, मिराज, जगुआर और मिग जैसे फाइटर जेट्स नहीं उड़ाती हैं। वायुसेना में लगभग 1500 महिलाएं हैं, जो अलग-अलग विभागों में काम कर रही हैं। 1991 से ही महिलाएं हेलीकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ा रही हैं, लेकिन फाइटर प्लेन से उन्हें दूर रखा जाता था।
आज होने वाली पासिंग आउट परेड में तीनों महिला पायलटों को भारतीय वायुसेना में बतौर फाइटर पायलट कमीशन कर लिया जाएगा, जिसके बाद इन तीनों महिलाओं की फाइटर एयरक्राफ्ट्स पर ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी और कुछ महीनों के अंदर ये देश की पहली महिला फाइटर पायलट बन जाएंगी।
8 मार्च, 2016 को वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर इसका औपचारिक ऐलान किया था और आज के दिन इसको अमलीजामा पहनाया जाएगा। इसके लिए तीन महिला ट्रेनी पायलटों को चुना गया था। तीनों ने हैदराबाद के पास डुंडीगल की एयरफोर्स एकेडमी से अपनी ट्रेनिंग का पहला चरण पूरा कर लिया है।
