मोदी कैबिनेट में बिहार के 6 सांसद बने मंत्री, इन्हें मिला मंत्रिमंडल में स्थान
लोक सभा चुनाव में NDA ने 40 में से 39 सीट ने जीता, जिसके कारण मोदी सरकार में बिहार के छह लोगों को स्थान दिया गया है। इनमें भारतीय जनता पार्टी के पांच सांसदों को जगह मिली है, जबकि छह सांसदों वाली पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख रामविलास पासवान ने मंत्रिमंडल में फिर जगह बनाने में सफलता पाई है। भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष नित्यांनद राय को भी मोदी मंत्रिमंडल में पहली बार स्थान दिया गया है। नित्यांनद राय को छोड़ के सभी सभी पांच मंत्री पिछली मोदी सरकार में भी मंत्री थे। 3 कैबिनेट मंत्री, 1 राज्य मंत्री स्वंत्र प्रभार और 2 राज्य मंत्री बनाये गए है।
1. रामविलास पासवान (खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री-कैबिनेट मंत्री)
लोजपा के प्रमुख रामविलास पासवान को फिर से मोदी सरकार में स्थान मिला है। पिछली सरकार में भी पासवान खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री थे। इस बार भी उन्हें यही जिम्मेदारी दी गए है। मोदी सरकार में सबसे अधिक उम्र के मंत्री है, राम विलास पासवान 72 साल के है। राम विलास पासवान ने लोक सभा चुनाव नहीं लड़ा था, उन्हें राज्य सभा से सांसद बनाया जायेगा, शायद रविशंकर प्रसाद की जो सीट रिक्त हुए है उसी से उन्हें राज्य सभा भेजा जाएगा।
2. रविशंकर प्रसाद (कानून मंत्री-कैबिनेट मंत्री)
रविशंकर प्रसाद ने 2019 में पहली बार लोक सभा चुनाव लड़ा और शत्रुध्न सिन्हा को पटना साहिब से हराया। उन्हें कानून मंत्री का जिम्मा दिया गया है, पिछले मंत्रिमंडल में भी उनका यही विभाग था।
3. गिरिराज सिंह (पशुपालन और डेयरी मंत्री)
मोदी सरकार के पुराने मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में अपनी सेवा दे चुके गिरिराज सिंह के पदोन्नति दे के उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। गिरिराज सिंह को पशुपालन और डेयरी मंत्री बनाया गया है। गिरिराज सिंह पिछली बार नवादा से सांसद चुने गए थे, इस बार बेगूसराय से चुनाव जीता है।
4. राज कुमार सिंह (ऊर्जा राज्य मंत्री- स्वंत्र प्रभार)
आरा लोकसभा सीट पर लगातार दूसरी बार जीत हासिल करने बाले केंद्रीय मंत्री राज कुमार सिंह उर्फ आरके सिंह को फिर एक बार मोदी सरकार में जगह मिली है। उन्हे ऊर्जा राज्य मंत्री- स्वंत्र प्रभार का मंत्री बनाया गया है। 1990 में लाल कृष्ण आडवाणी के रथ यात्रा को रोक कर लाल कृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करने के कारण खूब सुर्खियों में रहे। बाद में लाल कृष्ण आडवाणी ने इन्हे 1999 में अपने अंदर गृह मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी बनाया। 30 जून 2011 से 30 जून 2013 तक UPA 2 में गृह सचिव भी रह चुके है।
5. अश्विनी कुमार चौबे (स्वास्थ-परिवार कल्याण राज्य मंत्री)
नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में बक्सर से दूसरी बार जीतकर लोकसभा पहुंचे अश्विनी चौबे को फिर से स्थान दिया गया है। पिछली सरकार में चौबे केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री थे। इस बार के स्वास्थ अलावा परिवार कल्याण की भी जिम्मेदारी दी गई है। बिहार सरकार में मंत्री पद संभाल चुके चौबे मूल रूप से भागलपुर के रहने वाले हैं।
6. नित्यांनद राय (गृह राज्य मंत्री)
नित्यांनद राय ने अपनी राजनितिक पारी 1981 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता के रूप में शुरू की। 2014 के लोकसभा चुनाव में उजियारपुर लोकसभा सीट से सांसद बने और इस बार भी उन्होंने राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को 277278 वोटों के अंतर से पराजित कर लोकसभा पहुंचे हैं। बिहार में के जीत में की जीत में इनका बड़ा योगदान रहा है, जिसके कारण को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। 2000 में पहली बार बिधान सभा का चुनाव हाजीपुर से जीता था। हाजीपुर से लगातार चार बार विधायक चुने गए। 2016 में भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष चुने गए थे।
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