| April 18, 2024

Scroll to top

Top

No Comments

लालगंज में पहली बार कमल खिलाने के लिए भाजपा की उम्मीद संजय कुमार सिंह

लालगंज में पहली बार कमल खिलाने के लिए भाजपा की उम्मीद संजय कुमार सिंह

भाजपा ने अपने एक बहुत ही पुराने कार्यकर्त्ता संजय कुमार सिंह को लालगंज में पहली बार कमल खिलाने के लिए भाजपा ने संजय कुमार सिंह पे भरोसा जताया है। संजय कुमार सिंह पिछले 35 वर्षो से भाजपा से जुड़े है।संजय कुमार सिंह RSS वैशाली जिला के सह कार्यवाहक भी रह चुके है। भाजपा ने जो उनपे भरोसा जताया है , उसे पूरा करने के लिए वह कड़ी मेहनत कर रहे है।

14 अक्टूबर को हाजीपुर में उनके नामांकन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी मौजूद थे। नित्यानंद राय और सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी ने 21 अक्टूबर को उनके समर्थन में एक चुनावी सभा की।

संजय कुमार सिंह पे BJP ने जो ने भरोसा जताया है उसे पूरा करने के लिए वह दिन रात म्हणत कर रहे है। अपने समर्थको के साथ लालगंज के हर इलाके में घर घर जा के जनता से उन्हें वोट देने की अपील कर रहे है। संजय कुमार सिंह का सपना है की लालगंज अनुमंडल बने। विधायक बनने के बाद इसे वो पूरा करना चाहते है।

जब से BJP का जनाधार बढ़ा है तब से पहली बार लालगंज से अपना उमीदवार उतारा है। BJP की सहयोगी दल ही इस सीट से अपने उमीदवार उतारती थी।BJP ने 1995 और 2005 (फरवरी) में अपने उमीदवार यहाँ से उतरे थे, पर उन्हें सफलता नहीं मिली थी।

संजय कुमार सिंह बीजेपी (BJP) एनडीए के प्रत्याशी हैं, वहीं, महागठबंधन की ओर से यह सीट कांग्रेस (Congress) के खाते में गई है और उसने यहां से पप्पू सिंह को टिकट दिया है। वहीं एलजेपी ( LJP) ने यहां से मौजूदा विधायक राजकुमार साह को एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतारा है।

LJP ने 2015 के विधानसभा चुनाव में जिन दो सीटों पर जीत हासिल की थी, उनमें से एक सीट लालगंज भी थी। 2015 में LJP के राजकुमार साह ने JDU के विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला को 20,293 वोट से हराया था। 2010 में यहां से मुन्ना शुक्ला की पत्नी अन्नू शुक्ला JDU के टिकट पर विधायक बनी थीं। 2000 के विधानसभा चुनाव में मुन्ना शुक्ला इस सीट निर्दलीय जीते थे। फरवरी 2005 में LJP और अक्टूबर 2005 में JDU के टिकट पर उन्हें जीत मिली थी। अब तक इस विधानसभा सीट पर कुल 15 चुनाव हुए हैं. इनमें छह बार कांग्रेस, दो-दो बार LJP, JDU, जनता दल और एक-एक बार निर्दलीय, जनता पार्टी और लोकतांत्रिक कांग्रेस को जीत मिली है। यहां से सबसे ज्यादा छह बार जीतने वाली कांग्रेस को 1985 के बाद जीत नहीं मिली है। भाजपा भी अभी तक इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई है।

Your Comments

Submit a Comment