बिहार के प्रसिद्ध भगवान् शिव के मंदिर
हर साल सावन का महीना शुरू होते ही बोल बम – बोल बम का मधुर स्वर सुनने को मिलता है! शिव भक्त गेरुआ वस्त्र पहने हुए काँधे पे कांवड़ लिए भोले बाबा को जल चढाने के लिए जाते हुए नज़र आते है! शिव भक्त की टोली सबसे ज्यादा देवघर में बाबा धाम में जल चढ़ाते हैं! वे लोग भागलपुर के सुल्तानगंज से गंगा का जल ले के बाबा धाम में चढ़ाते है! इसके अलावा भी अपने बिहार के ऐसे कई प्रसिद्ध शिव मंदिर है जहां शिव भक्त जल चढ़ाते है!
1. बाबा गरीब नाथ, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर का गरीब नाथ मंदिर में हर साल सावन में लाखो श्रद्धालु कावड़ ले के आते है! बाबा के भक्त सोनपुर के पास पहलेजा घाट से दक्षिण वाहिनी गंगा का पवित्र गंगा जल ले के सोनपुर हाजीपुर के रास्ते 65 KM की यात्रा नंगे पाँव पूरी कर के बाबा को जल चढ़ाते है! यह बिहार की सबसे लम्बी दुरी की कावड़ यात्रा है!
2. हरिहर नाथ, सोनपुर
हरिहर नाथ, पावन नारायणी नदी के तट पे भगवान हरी और हर का एक पौराणिक मंदिर है! यहाँ पौराणिक कथा के अनुसार गज और ग्राह की लड़ाई हुए थी, जिसमे खुद भगवान् विष्णु ने आ के गज की सहायता की थी! बाबा गरीब नाथ कावड़ ले के जाने बाले श्रद्धालु हरिहर नाथ पे जल चढ़ाना नहीं भूलते! कार्तिक पूर्णिमा से लगभग एक महीने के लिए यहाँ मेला लगता है! यह मेल सोनपुर मेला या छत्तर मेला के नाम से मसहूर है!
3.पतालेश्वर, हाजीपुर
ज़मीन के अंदर से शिव लिंग मिलने के कारण इस मंदिर का नाम पतालेश्वर है! सावन में मंदिर प्रांगण में हर सोमवार को सोमवारी मेला लगता है! शहर के कई जगहों में बच्चे अपने घर के आगे आकर्षक सोमवारी सजाते है! शिवरात्रि पे यहाँ एक झांकी निकाली जाती है जो पतालेश्वर मंदिर से सुरु होती है!
4.ब्रह्मेश्वर नाथ , बक्सर
ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर बक्सर जिले में स्थित है। ब्रह्मपुर का मतलब संस्कृत में “ब्रह्मा के शहर” है। भगवान शिव का शिवलिंग वर्ष सैकड़ों वर्ष पुराना है! ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के कारन इस जगह का नाम ब्रह्मपुर पर है !
5. शिव मंदिर, बराबर (मखदुमपुर)
गया से लगभग 24 KM दूर मखदुमपुर जिला में एक पहाड़ी पे यह मंदिर है! ऐसे बराबर अपने पौराणिक गुफा के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है! सावन के महीने में श्रद्धालु यहाँ यहाँ आके भगवान् शिव पे जल चढ़ते है! अब तो पहाड़ी ले जाने के जिए सीढ़िया बन गए है, जिससे श्रद्धालु के यहाँ आने में परेशानी कम गई है, पर जब सीढ़िया नहीं थी और यहाँ आने के लिए पास के रेलवे स्टेशन बेला से पैदल चल के आना परता था, तब भी उनका उत्साह कम नहीं होता था, उस समय लोग अपने साथ खाने का सामन और पिने के लिए पानी ले के आते थे और रात्रि में लोग यही रुकते थे! पर अब सुबिधा बढ़ गए है, पास के स्टेशन, बेला और मखदुमपुर से यहाँ आने के लिए सवारी गाड़ी मिल जाती है!
6. मुंडेश्वरी, कैमूर
कैमूर जिला में मुंडेश्वरी पहाड़ी पे मुंडेश्वरी मंदिर है! यहाँ भगवान शिव और माता सकती की पूजा होती है! यह बिहार का सबसे पुराना मंदिर है! नवरात्री में यहाँ में मेला भी लगता है!
7. कपिलेश्वर, मधुबनी
मधुबनी से 9KM दूर एक छोटे से गाँव में भगवान शिव का है, कपिलेश्वर मंदिर के कारन ही इस गांव कपिलेश्वर परा । विशेष रूप से श्रावण के महीने के दौरान सोमवार को असाधारण भीड़ होती है। महाशिवरात्रि के अवसर पर मंदिर में एक बहुत बड़ा मेला लगता है!
8. खुदनेश्वर अस्थान मोरवा, समस्तीपुर
खुदनेश्वर मंदिर समस्तीपुर जिला के मोरवा में है! इस मंदिर का नाम एक मुस्लिम औरत खुदनी के नाम पर है जिसे शिव लिंग 14 वी शताब्दी में मिला था! अभी जो मंदिर है उसे नरहन एस्टेट के द्वारा 1858 में बनाया गया था!
9. अजगैबीनाथ, सुल्तानगंज
बाबा धाम जाने बाले कावड़ यात्री यही से पवित्र गंगा जल ले के लगभग 109 KM की पैदल यात्रा कर के देवघर में बाबा को जल चढ़ाते है! पुरे सावन यहाँ पे लाखों कावड़ियो आते है!
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