BJP विधायक कोटा में फंसी बिटिया को लॉकडाउन पटना ले आए
बिहार के हिसुआ विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विधायक अनिल सिंह ने लॉकडाउन के बीच अपनी बेटी को कोटा से पटना ले के आ गये है। पर वह ये मानने को तैयार नहीं की उन्होंने लॉकडाउन के नियमों का उलंघन किया है। इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि मेरी बिटिया कोटा में परेशान थी।
विधायक ने कहा कि मैं जिला प्रशासन की अनुमति और सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ही अपनी बेटी को वहां से लाया हूं। विधायक ने कहा कि केवल सरकार की जिम्मेवारी पर अपने बच्चों को छोड़ने की जरूरत नहीं है। मैं एक पिता हूं और मैंने पिता की जो जिम्मेदारी होती है, उसे निभाया है। इसके साथ ही अनिल सिंह ने कहा कि हर देशवासी का भी अधिकार है।
कोटा में फसे छात्रों के अभिभावक के नितीश कुमार से उनके बच्चो को बिहार वापस लाने की माँग की थी। पर नीतीश कुमार ने लॉकडाउन की वजह से कोटा में फंसे छात्रों को लेकर अपनी मंशा साफ कर दी है।उन्होंने स्पष्ट किया था कि कोटा में फंसे छात्रों को वापस नहीं बुलाया जाएगा। इससे पहले शनिवार को भी नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि कोटा में फंसे छात्रों को बुलाने की जो मांग की जा रही है पूरी तरह से गलत है। अगर ऐसा होगा तो फिर लॉकडाउन का क्या मतलब?
नीतीश कुमार के पुराने साथी रहे प्रशांत किशोर ने वाहन पास दिखाते हुए नीतीश कुमार पर हमला बोला है। पीके ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कोटा में फँसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को नीतीश कुमार ने यह कहकर ख़ारिज कर दिया था कि ऐसा करना लॉकडाउन की मर्यादा के ख़िलाफ़ होगा। अब उन्हीं की सरकार ने BJP के एक MLA को कोटा से अपने बेटे को लाने के लिए विशेष अनुमति दी है। नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है?
ये बात भी थोड़ी अजीब है की विधायक के अनुमति पत्र पे पुत्र लिखा था और वह पुत्री को ले के आये। जैसे बाहर से आये मजदूरों को कैंप में दिनों का रखा गया, क्या वैसे भी विधायक के बेटी को भी रखा जायेगा? बिलकुल नहीं, कानून तो बस आम जनता के लिए होती है, विधायक सांसद या किसी नेता के लिए नहीं। विधायक अनिल सिंह ने लॉकडाउन के बीच हिसुआ विधानसभा क्षेत्र की चिंता की होती तो अलग ही बात होती।
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