बिहार में बच्चो के मौत के जिम्मेदार सिर्फ नितीश कुमार और मंगल पांडे
नितीश कुमार जिन्होंने 2014 के लोक सभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। पर मुज़फ़्फ़रपुर और इसके आस पास चमकी बुखार से 125 से ज्यादा बच्चे मर गए, लू लगने के कारण औरंगाबाद में 60 से ज्यादा की मृत्यु हो चुकी है। इतनी मौतों के बाद भी उन्हें नहीं लगता की उनकी तरफ से कोई लापरवाही हुए है। लापरवाही लगती तो इस्तीफा जरूर देते।
पिछले 13 साल से बिहार की सत्ता नितीश कुमार के हाथो में है, 24-11-2005 से वे बिहार के मुख्यमंत्री है, इस बीच 20-05-2014 से 22-02-2015 तक जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री रहे पर सत्ता की चाभी उनके ही हाथो में थी। जनता ने उन्हें लालू – राबड़ी से बेहतर व्यवस्था देने के लिए चुना है, पूर्व के सालो में भी मुज़फ़्फ़रपुर के आस पास चमकी बुखार से के बच्चो की मौत हुए थी, पर इस साल के लिए सरकार ने इससे बचने के कोई उपाए नहीं किये।
बिहार सरकार में स्वस्थ विभाग की जिम्मेवारी मंगल पांडेय की है पर वह भी पूरी तरह से फेल नज़र आते है। मंगल पांडेय को पटना से मुज़फ़्फ़रपुर की 75 KM की दुरी तये करने ने 15 दिन लग गए तो मुख्यमंत्री नितीश कुमार के 17 दिन। मुख्यमंत्री नितीश कुमार ये दावा करते है की हम ऐसी सड़क बना रहे की बिहार के किसी भी कोने से पटना 6 घंटे में पंहुचा जाये। पर कमाल की बात है की ऐसी सड़क से पटना से मुज़फ़्फ़रपुर पहुंचने में 17 दिन लग गए।
अस्पतालों में जो वयवस्था है वो किसी से छुपी नहीं है, नितीश कुमार ने हर घर जल देने का संकल्प किया है पर अस्पतालों में पिने का पानी नहीं पंहुचा सके है।
Submit a Comment