बिहार में इंटरमीडिएट के विद्यार्थी नहीं, बिहार की शिक्षा व्यवस्था हुए है फेल
बिहार इंटरमीडिएट का रिजल्ट आ गया है, जिसमे 64% विद्यार्थी फ़ैल हो गये है! साइंस में 70% तो आर्ट्स में 63% विद्यार्थी फ़ैल हो गये है! कॉमर्स का रिजल्ट अच्छा रहा, कॉमर्स में लगभग 74% पास हुये है! इसे कदाचार मुक्त परीक्षा का परिणाम माना जा रहा है! पर सवाल ये उठता है की अगर शिक्षा का स्तर बढ़िया होता तो ऐसे रिजल्ट की कल्पना भी नहीं की जा सकती! यह समय कदाचार मुक्त परीक्षा के नाम पर अपनी पीठ थपथपाने का नहीं है बल्कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने का समय है! कदाचार मुक्त परीक्षा बिलकुल होना चाहिए पर जरुरी है, पर साथ साथ बिहार सरकार को चाहिए की सरकारी स्कूल में शिक्षा के को सुधारा स्तर जाये! 100 से ज्यादा +2 स्कूल का रिजल्ट शून्य रहा!
पिछले साल हुए टॉपर घोटाले के बाद बिहार सरकार पे कदाचार मुक्त परीक्षा करबाने का दवाब था, सरकार पे परीक्षा के बाद समय पे रिजल्ट प्रकाशित करने का भी दबाब था जिसके कारण मिडिल स्कूलों के शिक्षकों को इंटरमीडिएट की कॉपी के मूल्यांकन कार्य में लगाया गया था! रिजल्ट के बाद ने पटना में छात्रों ने हँगामा किया! लगभग 200 छात्रों ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के गेट को तोरने की कोशिश की! जिसपे पुलिस ने लाठी चार्ज की!
मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने कहा है की जल्द ही कम्पार्टमेंट की परीक्षा कराए जाएगी! साथ ही यह भी कहा की जिस छात्रों के काम अंक आये है वे आवेदन करे, उनकी कॉपियों की दोबारा जांच होगी! जरुरी है की बिहार की शिक्षा व्यवस्था में तेजी से सुधार किया जाये, जिन स्कूलों के रिजल्ट ख़राब हो उसके खिलाफ करवाई की जाये! ख़राब रिजल्ट के कारन शिक्षा सचिव जीतेन्द्र श्रीवास्तव को सत्ता दिया गया है!
बिहार जो कभी शिक्षा के लिए जाना जाता था, जहाँ नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय हुआ करते थे, जिसमे पूरी दुनिया के विद्यार्थी शिक्षा लेने आते थे! आज देश दुनिये में अपनी ख़राब शिक्षा व्यवस्था के कारण मज़ाक बन कर रह गया है! इतनी ख़राब व्यवस्था के होते हुए भी, बिहार के छात्र छात्रा, हर साल IIT JEE और IAS में अपना परचम लहराते है! क्योकि पढ़ाई सिर्फ सरकारी स्कूलों में ही ख़राब है! प्राइवेट स्कूलों और कोचीन संस्थाओ में अच्छी पढ़ाई होती है!
Submit a Comment