निंदा तो मनमोहन सिंह भी कर लेते थे, मोदी जी आप तो कार्यवाही कीजिये!
एक बार फिर माओवादियों के अटैक में हमारे देश के २५ जवान शहीद हो गए है, कल छतीसगढ़ के नक्सल प्रवाभित क्षेत्र सुकमा में माओवादियों ने ग्रामीणों को अपना ढाल बना के क्रप्फ जवानो के टुकड़ी पे तीन तरफ से घेर के हमला किया जिसमे 25 जवान शहीद हो गए और के घायल हो गए!
CRPF के जवान यहाँ बन रही सड़क लगे मजदुर को सुरक्षा देने के लिए लगे थे, ताकि मजदुर माओवादियों के डर के बिना सड़क बनाने के काम में लगे रहे! यह भी बड़ी अजीब बात है, जहाँ देश के कई जगह ऐसे है जहाँ के लोग चाहते है की उनके शहर या ग्राम में सड़क बने पर के बस्तर के आस पास के इलाके में माओवादि नहीं चाहते की यहाँ पे सड़क बन सके!
देश के दूसरे राज्ये के लोग बस्तर, सुकमा, जगदलपुर जगहों के नाम बस माओवादियों के कारण ही जानते है, इन इलाकों में आये दिन माओवादि सुरक्षा जवानो को अपना शिकार बनाते है!
सीमा पार से मिलेट्री कैंप पे भी लगातार हमले हो रहे है! जवानो के शहीद होने के बाद सरकार शहीद के परिवारों का आर्थिक मदद कर केअपनी पीठ थपथपा लेती है, पर अब ये जरुरी हो गए है की सरकार इसके खिलाफ अति कठोर कदम उठाये, नहीं तो मोदी सरकार के नक्सलबाद और आंतकबाद से निपटने की निति पे सवाल खरे हो जायेंगे!
ऐसे हमलों की निंदा तो हम के वर्षों से सुनते आ रहे है, पर अब समय आ गए है की इसके खिलाफ कार्यवाही की जाये!
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